Saturday, September 30, 2023

हाँ है वो मेरे लिए खास.....


                        हाँ है वो मेरे लिए खास

बेवजह खुश कभी बेवजह उदास

न दूरियाँ है दरमियाँ, न मिलन की है आस

न साथ मेरे रहती है फिर भी है आसपास

हाँ है वो मेरे लिए खास


कभी गुस्से मे मुँह फूला ले

कभी दुनियां तमाम का प्यार लुटा दे

कभी दिल के इमौज़ी संग संजोए नाम

कभी नंबर ही हटा दे

वो अजनबी है नहीं पल पल दिलाती है एहसास

हाँ है वो मेरे लिए खास


कभी उसकी नादानी मुझे

बचपन अपना याद दिलाते हैं

उसकी हंसी और गालों मे डिम्पल

ग़म जहान के सारे भुलाते हैं

रहती है कोशिश वो कभी, न हो मेरे हरकतों से निराश

हाँ है वो मेरे लिए खास


वो सच्ची है सोने सी खरी

वो साथी सखा राधा से बढ़कर

वो ग़म अपना छुपाना चाहती है

पर आंसू गिरते पलकों पे चढकर

जितना खुश वो मिलन से है, उतनी ही बिछड़ने से हताश

हाँ है वो मेरे लिए खास


संग साथ जो गुज़रे है वो

लम्हे ताउम्र रहेंगे साथ

शायद कल छूट जाए दामन

कैसे संभालेंगे ज़ज्बात

अब हमारे इस बेनाम रिश्ते का, गवाह होगा इतिहास

हाँ है वो मेरे लिए खास,

हाँ है वो मेरे लिए खास.....



Sunday, September 17, 2023

Saturday, September 16, 2023

मैं किसी के लिए बेशकीमती, किसी के लिए बेकार हूँ


 मैं कब कहाँ क्या लिख दूँ

इस बात से खुद भी बेजार हूँ

मैं किसी के लिए बेशकीमती

किसी के लिए बेकार हूँ


समझ सका जो अब तक मुझको

कायल मेरी छवि का है 

मुझमे अंधकार है अमावस सा 

मुझमे तेज रवि का है 


अब कैसे पलट दूँ परिस्थितियों को 

हर रोज मुश्किलों से होता दो चार हूँ 

मैं किसी के लिए ध्रुव तारा सा 

किसी के लिए बेकार हूँ 


मैं निराकार मे भी आकर भर दूँ 

मैं सैलाब से लड़ता किनारा हूँ 

मैं सकल परिस्थिति मे खुद का भी नहीं 

मैं संकट में सदैव साथ तुम्हारा हूं 


मैं रेगिस्तान मे फूल उगाने को 

हर पल रहता तैयार हूँ 

मैं किसी के लिए आखिरी उम्मीद 

किसी के लिए बेकार हूँ 


मैं भेद नहीं करता धर्मों मे 

पर शंख, तिलक मेरे लिए अभिमान है 

मैं भक्त भले प्रभु श्रीराम का 

पर एक मेरे लिए गीता और कुरान है 


मैं छेड़छाड़ नहीं करता संविधान से 

पर हक के लिए लड़ता लगातार हूँ 

मैं किसी के लिए सच्चा नागरिक 

किसी के लिए बेकार हूँ