Monday, March 8, 2021

महिला दिवस (women's day)

तुम 'सीता' हो तुम 'मीरा' हो 
तुम 'दिनकर' की रश्मिरथी
तुम मिशन अंतरिक्ष की हो 'कल्पना' 
तुम 'त्रिकाल' की हो 'सती' 

तुम बलिदान हो 'पन्नाधाई' का 
तुम अहिल्या का 'अभिशाप' हो 
तुझमे हट है 'सावित्री' सा 
तुम 'लता' के मधुर 'आलाप' हो 

तुम विश्व पटल पर छायी 'इंदिरा'
तुम सुखोई उड़ाती एक नारी हो 
तुम रौद्र रूप हो काली का और 
तुम कलियों से भी प्यारी हो 

तुम दंगल की 'गीता' 'बबीता'
तुम स्वर्ण पदक विजेता 'हिमा दास' हो 
तुझमे फूलों सी अभिलाषा 
ना जाने क्यू फिर भी उदास हो 

तुम ज्ञान विज्ञान मे हो अग्रणी 
तुम सरहद पे परचम लहराना भी जानती हो 
तुम कहीं सिहासन पे हो विराजित 
कहीं धूल मे खाक भी छानती हो 

तेरा हर पहलू को समझे 
किसी प्राणी मात्र मे इतना ना ज्ञान है 
स्त्री तुझे शत शत नमन और 
तेरे हर रूप को मेरा प्रणाम है 
                        ................ (हैरी) 

30 comments:

  1. बहुत सुन्दर अभिअव्यक्ति।

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  2. बधाई और शुभकामनाएं चिट्ठों की दुनियां में कदम रखने के लिये। लगातार लिखते रहो। अन्य चिट्ठों का भी अनुसरण करो। लोगों का लिखा पढ़ो टिप्पणी देकर उत्साहित भी करो। हैप्पी ब्लोगिंग।

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    1. bahut bahut aabhar guruji. apni aashirbad aur sneh dete rahen. dhanyabaad

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  3. यूँ तो आपकी बेहतरीन कविताओं में से एक इस कविता की हर पंक्ति बहुत अच्छी है...पर अंतिम पंक्ति ने मेरा विशेष ध्यानाकर्षण किया। "तेरे हर रूप को मेरा प्रणाम है" 👌👌💞 यह एक पंक्ति उन सभी महिलाओं के अनुपस्थिति की पूरक है, जिनका उदाहरण कविता में अप्रस्तुत है। 'पहाड़ी पट्टा' लेखन के शुभारंभ के लिए बधाई और शुभकामनाएँ💐💐 आपकी प्रत्येक रचना पिछली रचना से बेहतरीन हो...

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  4. बहुत बहुत आभार आपका... यूँही मार्ग दर्शन करते रहें धन्यवाद

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  5. आपकी लिखी रचना आज सोमवार 8 मार्च 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी सादर आमंत्रित हैं आइएगा....धन्यवाद!

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  6. तेरा हर पहलू को समझे
    किसी प्राणी मात्र मे इतना ना ज्ञान है
    स्त्री तुझे शत शत नमन और
    तेरे हर रूप को मेरा प्रणाम है

    सच ज्ञान हो जाय तो भेदभाव खत्म हो जाएगा

    बहुत सुन्दर सामयिक चिंतनशील रचना

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  7. बहुत-बहुत धन्यवाद... 🙏

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  8. बहुत सुंदर सम्मान दिया है आपने स्त्री शक्ति को ..शानदार ..मेरे ब्लॉग पर अवश्य पधारें..

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    1. बहुत बहुत धन्यावाद.. जल्दी ही आपके ब्लॉग पे भी आयेंगे

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  9. नारी शक्ति को ससम्मान नमन करती रचना के लिए कोटि आभार हरीश जी | ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक अभिनन्दन है

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  10. मेरी इस रचना को अपने इस अंक मे स्थान देने के लिए तहेदिल से शुक्रिया

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  11. नारी का सम्मान करती बहुत ही सुंदर रचना। 'पहाड़ी पट्टा' ब्लॉग लेखन के शुभारंभ के लिए बधाई और शुभकामनाएँ💐💐

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  12. सुंदर अभिव्यक्ति ।
    दिनकर की रश्मिरथी से क्या तात्पर्य है ? रश्मिरथी तो कर्ण के लिए है ।
    स्पष्ट करेंगे तो आभार होगा ।

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  13. रश्मिरथी दिनकर जी की अति लोकप्रिय रचना मे से एक है जिसकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं है इसलिए मैंने इस शब्द का प्रयोग किया है... बाकी कोई दूसरा उद्देश्य नहीं है... स्त्री के पर्याय के लिए उचित लगा मुझे 🙏

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  14. बहुत सुन्दर सामयिक चिंतनशील रचना

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