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Tuesday, February 28, 2023

तू मेरे अन्दर से नहीं जाती....


 

बिखरे अल्फाजों की माला

गढ़ना कभी आसान ना था

खामोशी तेरे लबों की

पढ़ना कभी आसान ना था


फिर भी सुनी दिल की

और भावनाओं को लिख डाला

पिरोए लफ़्ज़ और

बन गई प्रीत की माला


अब सिर्फ तुझ पे लिखना है 

और तेरी आंखे ही पढ़ना है 

खामोशी को शब्द बनाकर 

अपनी तन्हाई से लड़ना है 


लिखना है बिछड़ने का मंज़र 

लिखना प्रेम के वो पल हैं 

लिखना है तेरी मेरी कहानी 

लिखना हर वो एक स्थल है 


जहां ली थी कसमें हमने 

कभी होने की ना दूर 

जिंदगी भर का साथ से कम 

कुछ ना था दोनों को मंजूर 


फिर कैसे खत्म हुआ सब पल मे 

कैसे भूल गए हर बात 

एक बार तो आकर पूछ लो  

तुझ बिन कैसे हैं मेरे हालात 


अपने दर्द का घूंट अकेले पी रहा हूं 

तेरा साया मेरे दर से नहीं जाता 

तू भले ही दूर है अब मुझसे 

मगर तू मेरे अन्दर से नहीं जाता



Thursday, April 28, 2022

बहुत याद आते हैं वो दिन....

 



बहुत याद आते है वो दिन

वो प्राईमरी की कक्षाएं, 

वो जूनियर की यादें

वो हाई स्कूल की यारी

और पेपरों की तैयारी|


वो इंटर की बचकानी बातें

वो प्रिन्सिपल से डर

वो स्कूल से ट्यूशन

और ट्यूशन से घर|


वो कॉलेज के लेक्चर

वो कैन्टीन की चाय

वो बिल के लिए बहस

और बेवजह की लड़ाई|


वो नोट्स की शेयरिंग (Sharing) 

वो कुछ भी कर जाने वाली डेयरिंग (Daring) 

वो वन (One) नाइट फाइट की थ्योरी (Theory) 

और पुराने प्रैक्टिकल नोटबुक की चोरी|


वो दोस्तों के साथ वैकेसन (Vacation) 

वो फाइनल एक्जाम की टेंशन

वो हास्टल की आखिरी रात

और वो हमेसा टच मे रहने वाली बात|




अब भी भूला नहीं हूँ मैं

वो स्कूल से कालेज तक का सफर

बहुत दोस्त मिले कुछ बिछड़ भी गए

बस इन्हीं यादों के सहारे

कर रहा हूं जिंदगी की गुजर बसर...

               शुक्रिया दोस्तों