जब तक गंगा यमुना मे जल है
जब तक हवा मे शीतल है
जब तक चिडियों की कलकल है
हर नस मे देशप्रेम बहना चाहिए
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए
जब तक बाजुओं मे बल है
जब तक सांसो मे हलचल है
जब तक अंतर्मन मे दंगल है
ना जुर्म कोई सहना चाहिए
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए
जब तक धरती पे जंगल है
जब तक सूर्य चंद्र और मंगल है
जब तक खेत किसान और हल है
दुश्मन का हर गुरूर ढहना चाहिए
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए
जब तक सरहद मे सेना दल है
जब तक कांटे और कमल है
जब तक विश्वास अटल है
बस जय हिंद कहना चाहिए
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए
जब तक राग द्वेष ना मन मे छल है
जब तक विचार निर्मल है
जब तक धरा मे भू पटल है
बस देशप्रेम ही गहना चाहिए
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए
Kumar Harris