"कविता कोई पेशा नहीं है, यह जीवन का एक तरीका है। यह एक खाली टोकरी है; आप इसमें अपना जीवन लगाते हैं और उसमें से कुछ बनाते हैं।"
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Saturday, October 9, 2021
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मैं कब कहाँ क्या लिख दूँ इस बात से खुद भी बेजार हूँ मैं किसी के लिए बेशकीमती किसी के लिए बेकार हूँ समझ सका जो अब तक मुझको कायल मेरी छवि का...
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कविता स्पष्ट है बरदोश नहीं है अर्द्ध मूर्छित है मगर बेहोश नहीं है जो चाहे जिस भाषा शैली में गड़े व्यंगात्मक हो सकती है मगर रूपोश नहीं है क...