हक मे हवायें चल नहीं रहीं
प्रकृति भी रुख रही बदल
फैल रहा रिपु अंजान अनिल संग
घर से तू ना बाहर निकल
कर पालन हर मापदंड का
जिसे सरकारों ने किया है तय
बना लो दूरियां दरमियाँ कुछ दिन
पास आने से संक्रमण का है भय
पहनो मास्क रखो सफाई भी
हाथों को भी नित तुम साफ़ करो
Sanitizer का करके इस्तेमाल
संदेह और भय का त्याग करो
अपना और अपनों का जीवन
जिद्द मे आकर ना क्षय करो
एकांत या देहांत तुम्हें क्या चाहिए
ये खुद तुम ही अब तय करो
करके अपने ज़ज्बात पे काबू
रख दो दो गज की दूरी
अगर बचना है इस महामारी से
तो मास्क पहनना है जरूरी |
(हैरी)