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Monday, September 27, 2021

भटकता मुसाफिर..

आखिर तुम्हें क्या तकलीफ है पथिक 

खामोश और तन्हा घूम रहे हो 

सूरज भी झील मे डूब गया है,

और कोई पक्षी भी चहचहाता नहीं है।


 आखिर तुम्हें क्या तकलीफ है पथिक 

 इतना गुमसुम और इतना दर्द ?

 गिलहरी का भण्डार भरा हुआ है,

 और नयी फसल पकने को है।


तुम्हारे माथे पर एक शिकन है,

पीड़ित नम पलके और रुआँसा के साथ,

तेरे सुर्ख गालों पर खिलता एक गुलाब

जल्दी मुरझा भी जाता है।


मैं स्वप्न में एक स्त्री से मिला,

जो हुस्न-ए-अप्सरा लिए थी ,

जिसके केशों ने पग छुए थे उसके 

और आँखों मे समुद्र समाया था।


 


मैंने उसे सोलह श्रृंगार कराए,

और कंगन संग दिया इत्र भी

उसने मुझे यूँ प्यार से देखा

मानो सच्चा प्यार किया हो उसने भी |


मैंने उसे यूँ पलकों मे बिठाया,

फिर दिन भर कुछ और देखा नही,

पूर्णिमा के चांद सा चेहरा लिए ,

गुम हो गई वो बादलों मे कहीं ।


अब भी आंखे तलाश में उसके,

नित हर ओर उसे खोजती हैं 

मानो कोई भोर का सपना, 

जो मैंने देखा था कभी।


मैंने उसकी होंठों की उदासी में देखा,

एक भयानक चेतावनी और इंतकाम,

जब मैं जागा और खुद को पाया,

एक ठंडी पहाड़ी की तरफ।

और इसलिए मैं यहां भ्रमण करता हूं,

अकेला और बेरूखी लिए हुए,

मानो झील से सेज सूख गया हो,

और पक्षी भी कोई गाता नहीं यहाँ।

                 (हैरी)                    


Wednesday, September 22, 2021

एक रोज़ तुम्हें बताऊँगा..

क्यूँ सारे सपने धूमिल हो रहे 

क्यूँ हवा का रुख बदल रहा है

फिर क्यूँ बारिश मे यादें उमड़ रहीं हैं 

मैं तुम्हें एक दिन बताऊंगा


क्यूँ आसमाँ में घनघोर घटा छा जाती हैं

क्यूँ एक झोंका हवा का यादों को उड़ा देती है

फिर क्यों आती हैं आंसुओ की धारा

मैं तुम्हें एक दिन बताऊंगा


क्यूँ गुज़रे लम्हों की हर एक यादें

एक तेज छुरी सी चमकती है

फिर क्यूँ प्रणय मिलन से डरता है मन 

मैं तुम्हें  किसी रोज बताऊंगा


क्यूँ मद्धम मद्धम बढ़ता वेग वर्षा का 

क्यूँ हर बूंद एक दर्द छोड़ती है

फिर क्यूँ घटा बरसती आँखों से 

मैं तुम्हें किसी दिन बताऊंगा


क्यूँ आसमान में  उठ रही अंगडाई 

क्यूँ कोई भ्रम सा साथ होता है

फिर क्यूँ पागलों सी हालत है मेरी 

मैं तुमको एक दिन बताऊंगा


काली घटाओं की गर्जन 

और बारिश के बाद का सन्नाटा

चिंतित मन के हालात भी 

मैं तुमको एक दिन बताऊँगा 


तन्हा रातों का सबब और 

हंसता चेहरा आंसू दर्द

सपने और हकीकत भी

मैं तुमको एक दिन दिखाऊंगा|

                                                  (Harry)