Sunday, August 15, 2021

ये देश रहना चाहिए

जब तक गंगा यमुना मे जल है
जब तक हवा मे शीतल है
जब तक चिडियों की कलकल है
हर नस मे देशप्रेम बहना चाहिए
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए

जब तक बाजुओं मे बल है
जब तक सांसो मे हलचल है
जब तक अंतर्मन मे दंगल है
ना जुर्म कोई सहना चाहिए
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए

जब तक धरती पे जंगल है
जब तक सूर्य चंद्र और मंगल है
जब तक खेत किसान और हल है
दुश्मन का हर गुरूर ढहना चाहिए
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए

जब तक सरहद मे सेना दल है 
जब तक कांटे और कमल है 
जब तक विश्वास अटल है 
बस जय हिंद कहना चाहिए 
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए 

जब तक राग द्वेष ना मन मे छल है 
जब तक विचार निर्मल है 
जब तक धरा मे भू पटल है 
बस देशप्रेम ही गहना चाहिए 
मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए 
                         Kumar Harris 

6 comments:

  1. जब तक राग द्वेष ना मन मे छल है
    जब तक विचार निर्मल है
    जब तक धरा मे भू पटल है
    बस देशप्रेम ही गहना चाहिए
    मैं रहूं या ना रहूं ये देश रहना चाहिए
    बहुत सुंदर।

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में बुधवार 18 अगस्त 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. सुंदर भावों से सजी रचना ।

    एक प्रश्न ----
    हरीश नाम से हैरिस ( Harris ) क्यों कर लिया ?

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  4. Harish ही है mam actually notes me Harris karke likhta hu वो yaha bhi paste हो गया 😊

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