हक मे हवायें चल नहीं रहीं
प्रकृति भी रुख रही बदल
फैल रहा रिपु अंजान अनिल संग
घर से तू ना बाहर निकल
कर पालन हर मापदंड का
जिसे सरकारों ने किया है तय
बना लो दूरियां दरमियाँ कुछ दिन
पास आने से संक्रमण का है भय
पहनो मास्क रखो सफाई भी
हाथों को भी नित तुम साफ़ करो
Sanitizer का करके इस्तेमाल
संदेह और भय का त्याग करो
अपना और अपनों का जीवन
जिद्द मे आकर ना क्षय करो
एकांत या देहांत तुम्हें क्या चाहिए
ये खुद तुम ही अब तय करो
करके अपने ज़ज्बात पे काबू
रख दो दो गज की दूरी
अगर बचना है इस महामारी से
तो मास्क पहनना है जरूरी |
(हैरी)
Suprb😍
ReplyDeleteThanks
DeleteMind blowing 😜
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 7 अप्रैल 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार 🙏
DeleteReally amazing 👍❤️
ReplyDeleteThank you dear
Deleteसावधान करने वाली पोस्ट ।
ReplyDeleteएक छोटा सा प्रयास है Mam 🙏
Deleteसही कहा आपने.. जागरूक करता सृजन।
ReplyDeleteसहारना के लिया आभार 🙏
Deleteबहुत बढ़िया हरीश जी | यही सच है आज को जिसे मानना और अपनाना दोनों जरूरी है | लिखते रहिये | हार्दिक शुभकामनाएं|
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार हौसला अफजाई के लिए 🙏
Deleteलिखते रहो।
ReplyDeleteजरूर गुरुजी 🙏
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