जा रहा है 2025
पीछे छोड़कर कुछ अधूरे ख़्वाब,
कुछ पूरे हुए वादे,
और ढेरों सबक—
जो वक़्त ने
ख़ामोशी से हथेली पर रख दिए।
इस साल ने
कभी हँसना सिखाया,
कभी आँसुओं से आँखें भर दीं,
कभी अपनों की अहमियत समझाई,
तो कभी भीड़ में
अकेले खड़े रहना।
अब दरवाज़े पर दस्तक हुयी है
2026 की—
नई धूप, नई राहें,
नए इरादों के साथ।
स्वागत है उस साल का
जो टूटे हौसलों को जोड़ दे,
थके क़दमों को
फिर चलना सिखा दे।
अलविदा 2025,
शुक्रिया हर दर्द, हर दुआ के लिए—
तूने जो छीना,
उससे ज़्यादा
हमें मज़बूत बनाकर दिया।
सुस्वागत 2026,
इतना सा वादा कर लेना—
कि इंसानियत ज़िंदा रहे,
सच की आवाज़ कमज़ोर न पड़े,
और मेहनत करने वाले हाथ
कभी खाली न लौटें।
एक नया सवेरा है,
एक नई उम्मीद के नाम—
स्वागत है 2026,
दिल खोलकर, पूरे सम्मान के साथ।
Happy New Year to All Of You.


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