जिसके रूठ जाने से कबूल
मंदिर मे पूजा और मस्जिद मे अजां नहीं होती
कदर किया करो "दोस्तों"
बेवजह प्यार लुटाने को
सब के पास माँ नहीं होती ||
जब साया हो माँ की ममता का
मुश्किल दौर भी कट जाता है
तुम्हें खुशियों का जहान देने वाली का
वक़्त चंद लम्हों मे सिमट जाता है
नि:स्वार्थ प्रेम की प्रतिमा के
हर चीज बयां नहीं होती
कभी तुम भी पूछ लिया करो हाल उसका "दोस्तों"
बेशुमार प्यार लुटाने को
सब के पास माँ नहीं होती ||
जाने का उसका घाव
भगवान भी भर नहीं पता
सबसे रिश्ते धूमिल हो जाते हैं
चाहे वो इंसान हो या भाग्य विधाता
कुनबे को जिनसे सीचा, सम्भाला
उसके बगैर 'अना' नहीं होती
ध्यान रखा करो "दोस्तों"
अपने हर ग़म को बांटने के लिए
सब के पास माँ नहीं होती ||
जिसकी मौजूदगी ही घर मे
एक नई ऊर्जा का संचार कर देती है
खुद की झोली खाली हो भले
सब की खुशियों से भर देती है
उसका भी कभी हाथ बटां दो
मत सोचो उसको थकां नहीं होती
वक़्त रहते थोड़ा प्यार जता लो "दोस्तों"
प्यार जताने को सब के पास माँ नहीं ||
तुम्हारे दुःख दर्द आंसू हरने का
जिसने जिम्मा उठाया है
रब हर घर की रखवाली कर नहीं सकता
शायद तभी उसने माँ को बनाया है
कली भी बिन ममता के छांव
स्वयं जवां नहीं होती
सज़ों के रखो इन बुढ़ी तरसती आँखों को "दोस्तों"
भूखे पेट भी आशीर्वाद देने को
सब के पास माँ नहीं होती ||
[अना = आत्म प्रदर्शन, अभिमान]
HAPPY MOTHER'S DAY ❤️
सुन्दर सृजन
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार गुरुजी 🙏
DeleteAtisunder ❤️🥰
Deleteधन्यवाद
Deleteबहुत ही मार्मिक रचना।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
Deleteमार्मिक ... सच में माँ हर समय साथ नहीं होती ... जहाँ नहीं होती उनसे पूछो क्या महत्त्व है ... बहुत सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार महोदय 🙏
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