*शहीद भगत सिंह एवं सभी अमर शहीदों के माँ के अंतिम शब्दों को बयां करके की कोशिश की है कृपया कुछ गलतियां हो गई हों तो माफ़ कीजिएगा*
तुझ बिन आँखे पथराई हैं
तू मातृभूमि पे हुआ निसार
असहनीय तेरी जुदाई है
परमवीर और अदम्य साहसी
तू सच्चा मातृभूमि का रखवाला था
माना जननी जन्मभूमि है सबसे पहले
नौ माह मैंने भी तुझे पाला था
एक माँ की रक्षा के खातिर
एक माँ का सूना संसार किया
झूल गया हँसकर फंदे से
शोकाकुल अपना घर बार किया
एक वो दिन था जब आस सदा
आने की तेरी रहती थी
मिल के फिर तुझको सहलाऊँगी
इस आस मे दूरी सहती थी
अब गया तू ऐसे छोड़ मुझे
शायद कभी ना मिल पाऊँगी
कल तक मेरा "बेटा" था तू
अब "माँ" मैं तेरी कहलाऊँगी
पहचान मुझे दे गया नई
तू होकर अमर इतिहास मे
धन्य मेरी कर गया कोख को
सदा अमर रहेगा तू जनमानस के एहसास मे |
*जय हिंद*