जो 70 वर्षो से मिला नहीं वो आज सबको चाहिए
कैसी दोहरी मानसिकता ले के जी रहे हैं लोग
जाने क्यूँ नफ़रतों का जहर पी रहे हैं लोग ?
क्यूँ नहीं पूछता है उनसे कोई आज भी
डुबो दी देश की नैया और 70 वर्ष किया राज भी
आजकल जो ये बात हिन्दू हित की हो रहीं
गुर्दे छिल रहे है जहाँ के, एक कौम दिन रात रो रहीं
होके अपनी धरती के भी, अत्याचार सहे मुगलों के
झेला जजिया कर भी और हुक्म माने पागलों के
सभी प्रसन्न थे जब हिन्दू घर मे था पिट रहा
मंदिरों को थे तोड़ रहे और सनातन था मिट रहा !?
थे लुटेरे वो सभी लूटने तो आए थे
घर के जय चंदो के बदौलत वो भारतभूमि मे टिक पाए थे ।
आज इतिहास जिनका झूठा गुणगान करता है
बादशाह महान वो हत्यारे खुद को कहते आये थे ।
कैद करके बाप को भाई का सीना चीर कर
वो सुल्तान महान कैसे जो हत्या करके बैठा तासीर पर
पवित्र मंदिरों को लुटा जिसने बस्तियाँ उजाड़ दी
गलत इतिहास पढ़ा के अब तक कई पुश्तें बिगाड़ दी
ना कोई गलत पढ़ेगा अब; ना लुटेरों का बखान होगा
अब शिवा जी, महाराणा और पृथ्वीराज का गुणगान होगा
कैसे गोरा बादल ने अकेले मुगलिया सल्तनत हिला दी
शीश कटा कर उनके केवल धड़ ने जीत ने दिला दी
सब ही थे दगाबाज, फरेब था उनके खून में,
इंसानियत का कत्ल करते थे वो जड़ जुनून में
अय्याशी और मक्कारी में उनका भाग्य तय हुआ
फिर देश बचाने हेतु सम्राट चन्द्रगुप्त का उदय हुआ
जब सह रहा था सितम हिन्दू ,सबको खुशी थी जीने में
अब अपना हक मागने लगे तो साँप लगे लोटने सीने मे
बात होती मोबलॉन्चिंग पर, कश्मीरी हिन्दु पे आँख बंद हैं
बस यही दोगलापन तुम्हारा हमको वर्षो से ना पसंद है
जब जब धर्म और जाति की बात होती है तब खतरे में कोई धर्म नहीं बल्कि
ReplyDeleteइंसानियत होती है, हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई होने से पहले हम सब इंसान है ये बात हर कोई अगर याद रखे तो ना कश्मीर के मासूम पंडितों की हत्या होती और न ही धर्म के नाम और .......! हर किसी के अपने अपने विचार और सोच होती है! पर मेरी नज़र में हम किसी भी धर्म के होने से पहले एक इंसान है! और इससे अधिक कुछ और होना भी नहीं चाहिए!