Wednesday, February 21, 2024

पर चूहे से भी डरती है..


 हवा से दोस्ती है उसकी

कलियों से बातेँ करती है

शेरनी सी छवि रखती है वो

पर, चूहे से भी डरती है


वाचाल है सबकुछ उगल देती

बातों को मन मे न रख पाती है

खुद ही खुद की खिल्ली उड़ाती

और जी भरकर हंस भी जाती है


अभी तो दुनियां देखी ही है

तजुर्बा फिर भी तमाम है

परिपूर्ण के करीब है अपने कार्यो मे

फिर भी बातों से लगती नादां है


जुड़ रहा उसकी जिंदगी मे

एक नया अध्याय है

वो परेशानी मे भी हँसा देती सबको

वो खुशियों की पर्याय है


खुशियाँ मिले तमाम उसको

घर परिवार मे भी खुशहाली हो

सपने उसके हो सब पूरे

वो परिवार की अंशुमाली हो ||



19 comments:

  1. खुशियाँ मिले तमाम उसको

    घर परिवार मे भी खुशहाली हो

    सपने उसके हो सब पूरे

    वो परिवार की अंशुमाली हो ||
    भगवान आपकी दुआ कुबूल खरें
    बहुत सुन्दर सृजन उस सुन्दरतम के लिए।

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  2. Bahut sundar panktiyan, 💗💗💗

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  3. दुआएँ दिल की कुबूल हों।
    हर खुशी उसके पाँव की धूल हो
    -----
    बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना।
    सादर।

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  4. सुंदर भावाभिव्यक्ति ।

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  5. जिन्दगी का ये नया अध्याय तमाम खुशियाँ लेकर आए ...
    लाजवाब रचना
    आपको पहली बार पढ़ा.

    पधारें - तुम हो तो हूँ 

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  6. लाजवाब है वो! बहुत सुंदर!!!

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  7. भावपूर्ण प्रार्थना अवश्य स्वीकार होगी

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  8. बेहतरीन, अद्भुद लेखन

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  9. बहुत सुंदर रचना

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  10. बहुत सुंदर रचना
    बधाई

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  11. क्या बात है, लाजवाब रचना।

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  12. अतिसुंदर ❤️🥰

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