हवा से दोस्ती है उसकी
कलियों से बातेँ करती है
शेरनी सी छवि रखती है वो
पर, चूहे से भी डरती है
वाचाल है सबकुछ उगल देती
बातों को मन मे न रख पाती है
खुद ही खुद की खिल्ली उड़ाती
और जी भरकर हंस भी जाती है
अभी तो दुनियां देखी ही है
तजुर्बा फिर भी तमाम है
परिपूर्ण के करीब है अपने कार्यो मे
फिर भी बातों से लगती नादां है
जुड़ रहा उसकी जिंदगी मे
एक नया अध्याय है
वो परेशानी मे भी हँसा देती सबको
वो खुशियों की पर्याय है
खुशियाँ मिले तमाम उसको
घर परिवार मे भी खुशहाली हो
सपने उसके हो सब पूरे
वो परिवार की अंशुमाली हो ||
सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार गुरुजी 🙏
Deleteखुशियाँ मिले तमाम उसको
ReplyDeleteघर परिवार मे भी खुशहाली हो
सपने उसके हो सब पूरे
वो परिवार की अंशुमाली हो ||
भगवान आपकी दुआ कुबूल खरें
बहुत सुन्दर सृजन उस सुन्दरतम के लिए।
शुक्रिया 🙏
DeleteBahut sundar panktiyan, 💗💗💗
ReplyDeleteThank you so much
Deleteदुआएँ दिल की कुबूल हों।
ReplyDeleteहर खुशी उसके पाँव की धूल हो
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बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना।
सादर।
शुक्रिया
Deleteसुंदर भावाभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteजिन्दगी का ये नया अध्याय तमाम खुशियाँ लेकर आए ...
ReplyDeleteलाजवाब रचना
आपको पहली बार पढ़ा.
पधारें - तुम हो तो हूँ
धन्यवाद
Deleteलाजवाब है वो! बहुत सुंदर!!!
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteभावपूर्ण प्रार्थना अवश्य स्वीकार होगी
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteबेहतरीन, अद्भुद लेखन
ReplyDeleteधन्यावाद
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteबधाई
धन्यवाद
Deleteक्या बात है, लाजवाब रचना।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार 🙏
DeleteBhut sundar ✨✨
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteअतिसुंदर ❤️🥰
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार 🙏
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