कौडियों के दाम जब बिक रहे ज़ज्बात ग़र
कैद खाना सा लगे जब स्वयं का ही घर
फिर किस जगह जाकर मिले कतरा भर सुकून
जब आंख मूँदते ही सताये भविष्य का डर
जब बिन विषधर के ज़ुबां उगलने लगे ज़हर
शब्द जब बन जाएँ तीर, और ढाल रहे बेअसर
फिर क्यों न टूटे कोई, जैसे पतझड़ में पत्ता
जब जिस्म बेच फिर भी चूल्हा न जले घर का अगर
मजबूरियों का फंदा तभी घोटता है साँस को
जब झूठ का शोर दबा दे सच की आवाज़ को
कौन करेगा बेवजह इच्छाओं का तर्पण यूँही
कुछ तो रोक रहा होगा हौसलों के परवाज को
किसका करता है मन त्यागना जहान को,
मुफलिसी छीन लेती है ख्वाब और अरमान को।
जब भीतर ही बसी हो बेचैनी हर घड़ी,
तो मौत भी लगे राहत फिर थके इंसान को।|
✨🙏💐
ReplyDeleteThanks 🙏
DeleteBahut sundar Kavita
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया
DeleteVery nice
ReplyDeleteMast ❤️❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार गुरुजी
Deleteवाह्ह बहुत अच्छी पंक्तियाँ...समाज और मानव मन की बारीकियों को उकेरती कृति।
ReplyDeleteसादर
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २५ जुलाई २०२५ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
पांच लिंकों का आनंद मे मेरी कविता को स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
DeleteIt's a very very very nice 👌👌👌👍
DeleteThank you so much
Deleteसमाज को प्रतिबिंबित करती रचनाएं अद्वितीय हैं अभिनंदन सह । 🙏
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया महोदय
Deleteमन में छुपे दर को बेहतरीन अंदाज़ में बाँधा है ...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार महोदय 🙏
Deleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया
Deleteदर्द कितना भी बड़ा हो पर आत्महत्या किसी भी तरह सही नहीं ठहराई जा सकती, क्योंकि जीवन अनंत संभावनाओं से भरा है
ReplyDeleteआपके विचारों से शत प्रतिशत सहमत हूँ मैम मैं, मगर हालत कभी कभी इंसान को मजबूर कर देते हैं....
Deleteभाईसाब, सच बोलूं तो ये कविता सिर्फ़ पढ़ने वाली नहीं है, महसूस करने वाली चीज़ है। आपने अपनी कविता से दर्द को रूमानी नहीं, हकीकत बना के रख दिया। बड़ी बात ये है कि आपने शायरी से झूठा दिलासा नहीं दिया, बल्कि सच को ही सामने रख दिया, कड़वा, पर ज़रूरी।
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया जी, आप जैसे पाठकों और कविताओ को सराहने वाले लोग ही लिखने की प्रेरणा देते हैं, बांकी बस दिल की बात और आस पास हो रहे घटनाओ को देख के लिखने की कोशिश कर रहे हैं 🙏
DeleteKya baat h .. bahut badiya 👏💯💯🎉
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार 🙏
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